
Review- Adipurush
बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘आदिपुरुष‘ आज 16 जून को सभी बड़े सिनेमाघरों में मल्टीप्लेक्स में रिलीज़ हो गयी साथ शुरू हो गया बॉक्स ऑफिस की कमाई का आकड़ो का खेल – Review Adipurush फिल्म ‘आदिपुरुष – Review- Adipurush

भारत में महीनों के बाद बॉक्स ऑफिस पर कुछ और कम प्रदर्शन करने वाले फिल्मो के बाद सभी की उम्मीदें प्रभास-स्टारर पौराणिक महाकाव्य फिल्म आदिपुरुष पर टिकी हैं, जो शाहरुख खान की पठान के बाद अब तक की दूसरी सबसे बड़ी ओपनिंग देने की उम्मीद है।

जैसे की मूवी स्टार्ट होते ही जबरदस्त एनिमेशन और VFX का कमाल देखा गया और करीब 40 मिनट movie की हर सीन ने दर्शकों को एकदम बांध कर दिया.
तो मित्रों आइए अब मूवी के अच्छे और कमजोर दोनों पार्ट का हम रिव्यु करते है ताकि आपको भी एक माइंड क्लियर हो की मूवी कैसी है..
अच्छी और प्रभावी दृश्यों की बात करे तो सबसे पहले…
बेहद रोमांचकारी शुरुआत जबरदस्त एनिमेशन और आदि पुरुष में राम की भूमिका निभाने के लिए प्रभास को बहुत प्रशंसा की जानी चाहिए. प्रभास ने राम के रूप मे अच्छी भूमिका निभाया है और अच्छी संवाद सुनने को मिलते है.

- सीता के रोल में कृति सेनन ने अच्छा काम किया है लेकिन कहीं ना कहीं बहुत ज्यादा डायलॉग डिलीवरी ना होने की वजह से जो एक सीता जी का प्रभाव भारतीय जनमानस पर है वो उतना देखने को नहीं मिला.
- हनुमान की भूमिका अच्छी है..और जिसने भी हनुमान का रोल किया है उसकी तारीफ किं जानी चाहिए.
- अब बात करते हैं राम के बाद सबसे बड़े और प्रभावशाली कैरेक्टर. रावण की. रावण के रूप में अभिनेता सैफ अली खान ने क्या जबरदस्त एक्टिंग की है सैफ अली खान की halk वाली बॉडी कहीं न कहीं रावण छवि को दर्शाता है. रावण के रूप में सैफ अली खान ने शानदार डायलॉग डिलीवरी दी है. एनिमेशन और VFX की मदद से रावण की शानदार नेगटिव पर्सनालिटी को दिखाया गया है. कहीं न कहीं जो समाज में अहंकार और ताकत के घमंड में चूर, क्रूर और अन्याय करने वाले जो रावण रूपी लोग हैं उनकी छवि हमें आदि पुरुष के रावण में जरूर देखने को मिलती है इसलिए आदिपुरुष के राम के बाद सबसे ज्यादा प्रभावशाली कैरेक्टर रावण, सैफ अली खान ने निभाया है. बाकी अन्य छोटे कैरेक्टर जैसे विभीषण की भूमिका सुग्रीव की भूमिका और मेघनाथ की भूमिका निभाने वालों ने भी अपनी तरफ से अच्छा रोल निभाया है. जिसके प्रशंसा की जानी चाहिए. अब आते हैं पिक्चर में बीएफ एक्स और एनिमेशन पर तो पूरी मूवी एक तरह से एनिमेशन है और बीएफएक्स का अच्छा यूज किया गया है…बहुत ही सुंदर सुंदर दृश्य इस में डाले गए हैं वीएफएक्स के माध्यम से जिसको देखने के बाद आप पलके झुकाना तक भूल जाएंगे इसलिए जो रिलीज होने के पहले बोला जा रहा था कि बीएफ एक्स घटिया किस्म का है तो पिक्चर देखने के बाद ये साबित होता है कि VFX ki. मदद से बहुत ही सुंदर सीन बनाए गए हैं जिन से निगाहें नहीं हटती.. अब आते हैं आदिपुरुष मूवी के कुछ ऐसे सीन पर जिन को और बेहतर किया जा सकता था – पूरी स्टार कास्ट में कुछ सीन ऐसे थे जिनको और बेहतर तरीके से बनाया जा सकता था उनमें सबसे पहले हैं जब राम एवं लक्ष्मण और शबरी का मिलन होता है तो शबरी और राम के जो बेर खाने वाले सीन है और डायलॉग है वो और भावुक और मार्मिक तरीके से दिखाया जा सकता था ताकि दर्शक उनसे अपने आप को कनेक्ट करें….श्री राम जब शबरी से मिलते हैं इसे बहुत सिंपल तरीके से दिखाया गया जिसमें सबरी आती है राम को बेल खिलाती है फिर अपने आप चली जाती है कहीं कोई भावनात्मक पक्ष देखने को नहीं मिला तो यह कहीं ना कहीं एक बहुत ही कमजोर तरीके से इस राम और शबरी के मिलन को दिखाया गया है जो कि अच्छे और भक्त और भगवान के भावना को और चाहे से दिखाया जा सकता था. दूसरे सिन में जब हनुमान और राम एवं लक्ष्मण का प्रथम बार मुलाकात होता है तब हनुमान एक ब्राह्मण भेष में राम जी का भेद जानने आते हैं कि वह सच में राम है या नहीं. इस सीन में भी राम उनको सहर्ष कहते हैं कि हनुमान तुम क्यों ऐसा कर रहे हो..
और प्रभास कहते हैं कि क्या तुम अपने राम को नहीं प पहचाने और और फिर हनुमान की तरफ से उत्तर आता है कि ‘प्रभु मेरे लिए क्या आदेश है’

एक दर्शक होने के नाते मुझे लगता है कि इस सीन को भी काफी मार्मिक और भावनात्मक तरीके से दिखाया जा सकता था भक्त और भगवान के बीच और कुछ अच्छे संवाद डाले जा सकते थे…और यह भी एक यादगार सीन बन सकता था.
इसके बाद लास्ट में जब राम रावण का युद्ध होता है तो इस युद्ध में राम को कई बार रावण से पीटते हुए दिखाया गया है और अंत में राम सिर्फ एक तीर से रावण का वध करते हैं.
यहां भी कहीं ना कहीं राम जी की जो महिमा है उनका भगवान की जो जनमानस में छवि है उसको कम दिखाया गया है.
चेहरे पर खून के धब्बे और सैफ अली खान उनको उठा के फेकता है… यही सब दिखाने की जरूरत नहीं थी और राम को उसी अंदाज में दिखाना चाहिए था जैसे कि भारतीय सनातन परंपरा में उनको लोग जानते हैं तो कहीं न कहीं यह सीन और बेहतर हो जाता है..
तो कुल मिला कर आदिपुरुष मूवी के लिए मेरी रेटिंग से यही रहेगी 5 में से 3.5 स्टार.
और एक बात के लिए ओम रावत की जरूरत तारीफ करनी चाहिए कि कहीं न कहीं यह ये फ़िल्म हॉलीवुड को भी जबरजस्त टक्कर देती दिख रही है तो बॉलीवुड में बनी हॉलीवुड स्टाइल की आदि पुरुष एक भारतीय परंपरा की मूवी है जिसको हम सब को सपोर्ट भी करना चाहिए.
तो आप सभी कब अपने दोस्तों अपने मित्रों अपने परिवार के साथ आदि पुरुष देखने जा रहे हैं और आपकी जो राय होगी जरूर कमेंट में मुझे बताएं 🚩 जय श्री राम 🚩