

एक्टर सोनू सूद ने यूट्यूबर मनीष का समर्थन किया है। ट्विटर पर उन्होंने एक पोस्ट लिखकर कहा कि जितना भी मैं मनीष कश्यप को जानता हूं उसने हमेशा बिहार के लोगों के भले के लिए ही आवाज उठाई है। हो सकता है उस से कुछ गलती भी हुई हो। पर यह बात मैं यकीन से कह सकता हूं कि वो देशहित के लिए ही लड़ा है। न्याय और कानून से ऊपर हमारे देश में कुछ नहीं। जो भी होगा सही ही होगा।

सोनू की इस पोस्ट पर कई लोग उनका समर्थन कर रहे हैं तो कई विरोध भी कर रहे हैं। मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई के फर्जी वीडियो वायरल करने का आरोप है।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और तमिलनाडु सरकार से मांगा है जवाब
यूट्यूबर मनीष कश्यप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है। दोनों राज्यों में दर्ज केस क्लब करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और तमिलनाडु सरकार से जवाब मांगा है। अब इस मामले में 21 अप्रैल को सुनवाई होगी।

दायर अपील में बिहार और तमिलनाडु समेत दूसरे राज्यों में मनीष कश्यप के खिलाफ दर्ज सभी केस को क्लब किए जाने की मांग की गई है। सारे केस के पीछे की वजह एक है। वो है तमिलनाडु में बिहारियों के पिटाई का फर्जी वीडियो वायरल किए जाने का मामला।

बिहार में 4 और तमिलनाडु में 13 केस दर्ज
बिहार में आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष पर कुल 4 केस दर्ज किए हैं। इनमें तीन केस तमिलनाडु प्रकरण में फर्जी वीडियो को वायरल करने से जुड़े हैं। जबकि, इसी मामले में तमिलनाडु पुलिस ने कुल 13 केस दर्ज किए हैं। इनमें 6 केस में मनीष कश्यप नामजद है।
हालांकि, इस याचिका के बाद यह बात सामने आई कि तमिलनाडु पुलिस ने मनीष कश्यप के ऊपर NSA लगा दिया है। इस कारण तमिलनाडु जेल में बंद में मनीष कश्यप की मुश्किलें और बढ़ चुकी हैं।
राज्य सरकार और पुलिस पर लगा चुके हैं गंभीर आरोप
वकील एपी सिंह बिहार सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि मनीष ने अपने वीडियो के जरिए बिहार और पूर्वांचल के मजदूरों की आवाज को उठाया था। उस बात को और भी कई लोगों ने उठाया था। लेकिन, जो कार्रवाई हुई, वो सिर्फ मनीष कश्यप के ऊपर हुई। यह गैर कानूनी तरीका है।
मनीष कश्यप के मूल अधिकारों का हनन हुआ है। इस बाबत मूल अधिकारों की रक्षा करनी है। तमिलनाडु प्रकरण पर बिहार के मुख्यमंत्री, लोजपा रामविलास के नेता चिराग पासवान और कई नेताओं ने अपनी बातों को रखा था, लेकिन मुजरिम सिर्फ मनीष कश्यप बन गया है।
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मनीष कश्यप..इंजीनियर से यूट्यूबर और फिर जेल तक:विधानसभा चुनाव लड़ा, लोकसभा में भी हाथ आजमाया; 2030 में प्रधानमंत्री बनने का है सपना
बिहार के सबसे चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप के सितारे इन दिनों गर्दिश में हैं। वह तमिलनाडु में मजदूरों पर हमले के फर्जी वीडियो के मामले में जेल में हैं। संपत्ति की कुर्की के बाद अब छापे पर छापे पड़ रहे हैं। पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। मनीष इंजीनियर हैं, राजनीति में भी किस्मत आजमा चुके हैं। विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़े। इससे पहले लोकसभा चुनाव में नामांकन दाखिल किया, लेकिन नामांकन रद्द होने से चुनाव नहीं लड़ सके। मनीष के दोस्त बताते हैं कि वो 2030 में प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं। फिलहाल विधायक बनने का सपना पूरा नहीं हुआ, लेकिन एक यूट्यूबर की पहचान बन गई। आज मनीष के यूट्यूब चैनल पर 61 लाख और फेसबुक पर 40 लाख फॉलोवर्स हैं।
मनीष कश्यप मामले की 10 अप्रैल को SC में सुनवाई:जमानत और सभी FIR को एक साथ जोड़ने की मांग; तमिलनाडु पुलिस ने लगाया है NSA
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में होगी। मनीष की जमानत और अलग-अलग राज्यों में दर्ज FIR को एक साथ जोड़ने की मांग की थी। साथ ही एनएसए हटाने की मांग की गई थी। सीजेआई ने याचिका पर कहा कि पहले मामले को देखेंगे। फिर इस पर सुनवाई करेंगे। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। इसके पहले मनीष कश्यप पर तमिलनाडु पुलिस ने NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत केस दर्ज किया है। बुधवार को तमिलनाडु की मदुरई कोर्ट ने 19 अप्रैल तक मनीष की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।