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निधन: ‘रघुवंश प्रसाद सिंह’ देसी, खाँटी और अपने नेता के प्रति समर्पित नेता की कहानी

रघुवंश प्रसाद सिंह
डाक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह भारत के चौदहवीं लोकसभा के सदस्य थे. एवं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। श्री सिंह ग्रामीण विकास मंत्रालय का कामकाज संभालते हैं। वे संप्रग सरकार में राष्ट्रीय जनता दल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। श्री सिंह बिहार के वैशाली लोकसभा क्षेत्र से चुनकर आये हैं। वो एक जननेता के रूप में लोकप्रिय थे
बिहार की राजनीति में बहुत कम नेता हुए जिन्हें आप नेता कह सकते थे। बिहार ने उनकी क्षमता की पहचान कभी नहीं की। यूपीए सरकार में मंत्री के तौर मनरेगा को गाँव गाँव पहुँचा दिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में हार से हिल गए थे। अक्सर कहते थे कि एक ऐसे नेता को वोट दिया जिस पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। लंबे समय तक सांसद रहे मगर हर शुक्रवार क्षेत्र के लिए निकल जाते थे। मंत्री के तौर पर देर तक दफ़्तर में बैठे रहते थे।
राज्यों के सचिवों से बात करते थे। देसी, खाँटी और अपने नेता के प्रति समर्पित नेता। एक बार बातचीत में कहा था लालू जी मेरे नेता हैं। नेता मान लिए तो नेता मान लिए। जब भी लालू का नाम लिया आदर से जी लगाकर ही बोला करते। मकर संक्रांति के रोज़ अपने निवास पर दही चूड़ा और तिलकुट का भव्य आयोजन करते थे। कई बार गया हूँ। बातचीत करने से लगता था कि पढ़े लिखे और देश समाज को समझने वाले नेता से बात कर रहे हैं।

अंतिम दिनों में जब ICU में थे तब उनके पत्र को लेकर राजनीति लिखी गई। उस अवस्था में पत्र कैसे लिख रहे थे, फ़ैसला कैसे कर रहे थे, ये तो राजनीति की कालकोठरी ही जाने। पर अच्छा लगा कि उस पत्र के बाद भी लालू यादव ने उनका मान किया और किसी तरह की अभद्र बातें नहीं की। रघुवंश बाबू के निधन पर भी लालू यादव का ट्वीट सामाजिक संस्कारों के अनुकूल है। तेजस्वी यादव ने भी आदर पूर्वक ट्विट किया है। अपनी पार्टी का मानते हुए।
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बिहार ने एक अच्छा नेता खो दिया। वैशाली को समझ आएगा कि उसके हिस्से एक लोकतांत्रिक नेता आया था जिसे उसने खो दिया। वैशाली की जनता एक दिन उन्हें हराने के लिए प्रायश्चित करेगी। अलविदा रघुवंश बाबू। हम याद रखेंगे आपको।
- AK47
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